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लक्षण

गर्भावस्था में उल्टी और मितली को ही ‘मॉर्निंग सिकनेस’ भी कहा जाता है और यह 85% गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है| नाम से ही पता चलता है कि गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में आपके लिए कितनी मुश्किलें होंगी| ज्यादातर महिलाएं पहले तिमाही के अंत तक इस समस्या से उबर जाती हैं पर कुछ महिलाओं में ये समस्या अंत तक बनी रहती है|

इस आर्टिकल में मॉर्निंग सिकनेस से जुड़े हर बिंदु पर आपको जानकारी मिल जाएगी. आइये आगे पढ़े:

क्या गर्भावस्था में मितली और उल्टी होना आपके लिए अच्छा है?

जामा इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार गर्भावस्था में उलटी और मितली गर्भावस्था के नुक्सान के जोखिम को 50 से 75% तक कम कर देता है|

इस अध्ययन की एक लेखिका कहती हैं, “हमारा अध्ययन गर्भधारण के तुरंत बाद गर्भावस्था के शुरुआती हफ़्तों के लक्षणों का मूल्यांकन करता है, और पुष्टि करता है कि गर्भावस्था के नुक्सान के कम जोखिम और उल्टी एवं मितली के बीच एक सुरक्षात्मक सम्बन्ध है|”

एक और अध्ययन के अनुसार ये मन गया है कि मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करने वाली महिलाओं के बुद्धिमान बच्चों को जन्म देने की संभावना होती है| ये पढने के बाद मॉर्निंग सिकनेस होने के बाद भी आप निश्चित रूप से अच्छा महसूस कर रहे होंगें|

पर कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान उल्टी और मितली जैसे लक्षण नहीं पाए जाते जो की पूरी तरह से सामान्य है| यदि आपमें भी ये लक्षण नहीं है तो आप भाग्यशाली है कि आप इस उल्टी वाले दौर से बच गये|

गर्भावस्था में उल्टी कब शुरू होती है?

गर्भावास्था के चौथे और छठे सप्ताह या पहली तिमाही के बीच आपको मितली महसूस होना शुरू हो जाएगी| लगभग दूसरे महीने में यह स्तिथि और भी ख़राब हो सकती है और 12वे और 18वे सप्ताह के बीच इस स्तिथि में कुछ सुधार हो सकता है|

मितली या उल्टी हमेशा अच्छी स्तिथि नही हो सकती है| कुछ अम्भीर मामलों में इससे हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम हो सकता है|

गर्भावस्था में मितली और उल्टी के कारण

वैसे तो मॉर्निंग सिकनेस का कोई सही कारण ज्ञात नहीं है, हालांकि शोधकर्ताओं का मानना है कि गर्भावस्था के शुरुआती चरण में hCG स्तर बढ़ने स मितली और उल्टी हो सकती है| इसके अलावा, हारमोंस का बढ़ा हुआ स्तर पाचन क्रिया को धीमा कर देता है जिसके फलस्वरूप अपच, सीने में जलन और एसिडिटी के कारण मितली और उल्टी हो सकती है|

मॉर्निंग सिकनेस के अन्य संभावित कारण:

  1. एस्ट्रोजन औए प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन्स गंध के प्रति संवेदनशीलता को अधिक सक्रीय कर देते हैं जिससे मितली और उल्टी की शिकायत बढ़ जाती है|

 

  1. यदि आप गर्भावस्था के दौरान तनाव में है तो यह मॉर्निंग सिकनेस को बढ़ा सकता है\

 

  1. गर्भावस्था के दौरान आपका पाचन तंत्र उच्च वसा युक्त आहार को पचाने में अक्षम होता है जिसकी वजह से भी उल्टियाँ हो सकती हैं|

 

  1. हैलिकोबैक्टर पायलरी इन्फेक्शन|

 

  1. यदि आपकी माँ या आपके परिवार की अनुवांशिक रूप से जुड़ी हुयी किसी स्त्री को मॉर्निंग सिकनेस थी तो आपको भी मॉर्निंग सिकनेस होने की काफी संभावना है| एक अध्ययन में पाया गया है कि 28% महिलाओं ने ये माना है की उनकी माताओं को भी इसकी प्रॉब्लम रही थी और 19% की बहनों में ये लक्षण पाया गया है|

 

  1. यदि आप 30 वर्ष या उससे अधिक की आयु में गर्भवती होती हैं तो आपकी इस समस्या से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है|

 

  1. असामान्य या गंभीर गर्भधारण में भी उल्टी की समस्या के चांसेस होते हैं|

 

  1. यदि आपके गर्भ में जुड़वाँ या उससे ज्यादा शिशु है तो प्लेसेंटा बढ़ जाता है} hCG स्तर, एस्ट्रोजन औए प्रोजेस्ट्रोन में अधिक वृद्धि के साथ अत्यधिक उल्टी की समस्या हो सकती है|

 

  1. हाइपरथाईराइड, हाई ब्लड प्रेशर, माइग्रेन और गर्भकालिक मधुमेह जैसी स्थितियां उल्टियाँ और मितली बढ़ा सकती हैं|

 

  1. यदि आपका वजन बहुत ज्यादा हो तो भी आपको ये समस्या हो सकती है|\

 

  1. ऐसा माना जाता है की गर्भस्थ शिशु यदि लड़की है तो भी आपको ज्यादा उल्टियों का सामना करना पड़ सकता है|

 

आप अपने मॉर्निंग सिकनेस के कारण को पह्चानिये और उस समस्या का निवारण कीजिये ताकि आपको मितली और उल्टी से भी राहत मिल सके|

 

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