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गर्भधारण बाँझपन मम्मी होना

यदि आप ‘हैपिली मैरिड’ कपल हैं और अब अपनी फैमिली का विस्तार करना चाहते हैं पर संतान का सुख पाने में यदि आप स्वयं को सक्षम महसूस नहीं करते तो आप दोनों उम्मीद खोने के बजाय गर्भधारण न कर पाने के कारणों की पहचान करें और उनका समाधान खोजने पर विचार करें|

इस आर्टिकल में आपको प्रेग्नेंट होने की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए कुछ ऐसे उपयोगी टिप्स प्राप्त होंगे जिन्हें आप अपनी जीवन शैली एवं आहार में कुछ बदलाव करके अपने लिए अनुकूल बना सकते हैं|

गर्भाधान को प्रभावित करने वाले कारक

गर्भधारण की संभावना कई कारणों से प्रभावित हो सकती है जिसमे महिला या पुरुष का बाँझपन भी शामिल है| यहाँ कुछ ऐसे कारण बताये गये हैं जो आपके प्रेग्नेंट होने की सम्भावना को प्रभावित कर सकते हैं|

महिलाओ में

  • बढ़ती उम्र – 30 वर्ष के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता घटने लगती है|
  • अनियमित माहवारी
  • गर्भाशय में रसौलियाँ
  • अस्थानिक गर्भावस्था (ectopic pregnancy)
  • फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक होना
  • ऐंडोमेट्रियोसिस
  • प्रजनन अंगों में सूजन
  • पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस)
  • यौन रोगों का होना
  • थायराइड इम्बेलेंस
  • फर्टाइल पीरियड की गलत गणना
  • अण्डों की संख्या एवं गुणवत्ता में कमी
  • समय से पहले ओवेरियन फैल्योर

पुरुषों में –

  • शुक्राणुओं की संख्या में कमी
  • डायबिटीज
  • शीघ्रपतन
  • नपुंसकता
  • undescended testicles

सामान्य कारण –

  • जीवनशैली से सम्बंधित समस्याएं
  • पेल्विक या पेट की सर्जरी

यदि कोई गंभीर मेडिकल इश्यू आपके प्रेग्नेंट होने में बाधा नहीं बन रही है तो आप कुछ प्रयासों के द्वारा गर्भाधान की संभावना को आसानी से सुधार सकती हैं|

गर्भावस्था की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए टॉप 21 टिप्स

आप अपने प्रेग्नेंट होने के चांसेज बढ़ाने के लिए नीचे दिए गये सुझावों को अपना सकते हैं –

1. हेल्थ चेक अप

आप पहले प्राइमरी हेल्थ चेक अप के लिए जाएँ जिससे यह सुनिश्चित हो सके की आप मेडिकली फिट हैं| कपल की गर्भाधान की क्षमता तय करने के लिए ओव्यूलेशन और शुक्राणु परीक्षण आवश्यक पैरामीटर है, इसलिए यह अवश्य जांच कराएँ| इसके अलावा अपने स्वयं के हेल्थ के लिए जागरूकता एक स्वस्थ और सुरक्षित गर्भावस्था सुनिश्चित करती है|

2. स्वस्थ जीवनशैली

अपनी प्रजनन क्षमता बढ़ने के लिए आपको एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अनिवार्य है| धूम्रपान, शराब, ड्रग्स या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन करने से बचें क्योंकि ये आपकी प्रजनन क्षमता पर सीधे बुरा असर डालता है|

स्वस्थ आहार का सेवन करें| जंक फ़ूड के अत्यधिक सेवन से परहेज करें और अपने आहार में फल – सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट्स और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को आवश्यक रूप से शामिल करें| इसके अलावा अपनी दिनचर्या में व्यायाम को नियमित रूप से स्थान दें| यह आपके शारीरिक वजन को नियंत्रित रखेगा साथ ही आपकी स्टैमिना को भी बूस्ट करेगा| और तो और यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता और हेल्दी एग को बढ़ावा देकर आपकी फर्टिलिटी को इम्प्रूव करेगा|

3. शरीर का वजन नियंत्रित रखें 

प्रेग्नेंट होने के लिए आपको अपने वजन का ख़ास ख्याल रखना होगा| शरीर का वजन कम या ज्यादा होने से शरीर में हार्मोनल चेंजेस होते हैं जो आपके गर्भाधान की संभावनाओं पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं| नियमित व्यायाम और हेल्दी आहार के सेवन से आप शारीरिक तौर पर फिट रहेंगे और अपने शरीर के अनुसार उचित वजन को मेन्टेन कर सकेंगे|

4. ओव्यूलेशन पीरियड की निगरानी करें 

गर्भाधान के लिए सेक्स का सही समय जानने के लिए अपने ओव्यूलेशन पीरियड को ट्रैक करें| उदाहरण के तौर पर, यदि आपका मासिक धर्म 30 दिनों का है तो अप 15वें दिन ओव्युलेट करेंगी| आपके ओव्यूलेशन डे से चार दिन पहले एवं चार दिन बाद तक के दिन फर्टाइल होते हैं जो प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं| आप इस सन्दर्भ में अपनी गायेनेकोलोजिस्ट से भी परामर्श ले सकती हैं|

5. फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग

यदि आप अपने ओव्यूलेशन पीरियड को खुद से ट्रैक नहीं कर पा रही हैं तो डॉक्टर फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग में आपकी सहायता कर सकते हैं| ब्लड हार्मोन टेस्ट और ओवरी के अल्ट्रा साउंड से वे आपके ओव्यूलेशन का सही समय बता सकते हैं|

6. तनाव कम करें

आजकल की भाग दौड़ के जीवन में तनाव होना आम है| पर ये तनाव हार्मोनल उतार – चढ़ाव का कारण बन सकता है जो पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है| मेडिटेशन, योग और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से तनाव के स्तर को कम किया जा सकता है| मनोरंजन के साधनों के द्वारा भी तनाव को कम किया जा सकता है|

7. अपनी दवाओं के विषय में डॉक्टर से सलाह लें

यदि आपको पहले से कोई स्वस्थ्य समस्या है और आप उससे सम्बंधित दवाएं ले रहें हैं तो अपने डॉक्टर को अपनी फैमिली प्लानिंग के बारे में अवश्य बताएं| एंटीसाइकोटिक्स,स्टेरॉयड, अल्फा ब्लॉकर्स और एनएसएआईडी जैसी कुछ दवाएं प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं|

8. प्रीनेटल विटामिन्स लें

यदि आपने फैमिली बढ़ाने का निश्चय कर लिया है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और प्रीनेटल विटामिन्स लेना शुरू कर दें जिससे अगर आपके शरीर में किसी जरुरी पोषक तत्व की कमी हो तो उसे पूरा किया जा सके और गर्भाधान में इस कई से होने वाली बाधा को दूर किया जा सके|

9. फर्टिलिटी-बूस्टिंग फूड्स

यदि आप पेरेंट्स बनना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने आहार का ध्यान रखें| ऐसे भोज्य पदार्थ ग्रहण करें जो फोलिक एसिड, जिंक, पोटेशियम, कॉपर, विटामिन ए, सी, डी और ई से भरपूर हो| इन पोषक तत्वों से युक्त आहार प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक है और बेहतर होगा यदि आप इन्हें दवाओं के बजाय अपने आहार से प्राप्त करें|

अपने आहार में निम्न पदार्थों को जरूर शामिल करें –

  • जिंक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे काजू, कद्दू के बीज, लैम्ब, बीफ आदि|
  • काम्प्लेक्स कार्ब्स जैसे मल्टी ग्रेन ब्रेड, चावल, शकरकंद आदि|
  • प्रोटीन युक्त आहार जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स, चिकन, टोफू, नट्स, अंडे, फलियाँ, विभिन्न प्रकार के बीज आदि|
  • हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकोली आदि|
  • ऑयली फिश|

10. पर्याप्त नींद लें

यह सुनिश्चित करें की आप दिन में सात से आठ घंटे की नींद जरूर लें| रात की अच्छी नींद शरीर में उचित मेटाबोलिज्म और होर्मोन्स को मेन्टेन रखने में सहायता करती है|

11. फिजिकल इंटीमेसी

सेक्स के दौरान इस बात का ध्यान रखें की स्पर्म आपकी वजाइना में आसानी से जा सके| इसके लिए ऐसे सेक्स पोजीशन का इस्तेमाल करें जिसमे पुरुष ऊपर हो जैसे मिशनरी पोजीशन| सेक्स के अंत में कुछ समय तक लेटे रहें| आप कुछ देर पैरों को ऊपर क्र के भी लेट सकते हैं| इससे स्पर्म को वजाइना के अन्दर जाने का पर्याप्त समय मिलेगा जिससे आपके प्रेग्नेंट होने के चांसेस बढ़ जायेंगे|

12. लुब्रिकेंट्स का प्रयोग न करें

सेक्स के दौरान लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल स्पर्म के फ्लो को धीमा कर सकता है और स्पर्म को डिम्ब तक जाने से रोकता है| इसी प्रकार वजाइनल स्प्रे और टेम्पोंस वजाइना को ड्राई कर सकते हैं जिससे स्पर्म का फ्लो धीमा हो सकता है और जब तक स्पर्म आपके एग से मिलेगा नहीं आप प्रेग्नेंट कैसे होंगी?

13. कैफीन का सेवन कम करें

अत्यधिक कैफ़ीन का सेवन आपकी फर्टिलिटी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है| और तो और ज्यादा कैफीन के सेवन से गर्भपात भी हो सकता है| इसलिए जब भी आप कंसीव करना चाहे आप कैफीन की मात्रा 300mg तक सीमित कर दें और गर्भाधान के बाद भी इसी मात्रा को बनाये रखें|

14. एक्यूपंक्चर

शरीर के हारमोंस को संतुलित रखने और तनाव को कम करने के लिए एक्युपंक्चर का सहारा लिया जा सकता है| इसके लिए आपको कुछ विशिष्ट बिन्दुओं पर दबाव डालना होगा| इससे हेल्थी एग और स्पर्म का उत्पादन होगा|

15. रिफाइंड कार्ब्स को कहें न

कंसीव करने के लिए बेहतर होगा कि आप रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स से बचें क्योंकि ये ब्लड में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ाते हैं जिससे ओव्यूलेशन प्रोब्लम्स का जन्म हो सकता है|

16. अत्यधिक मीठे को कहे न

यदि आप बहुत अधिक मीठे का सेवन करते हैं तो आपके शरीर में एड्रेनालाइन का स्तर बढ़ सकता है जिससे प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का उत्पादन बाधित हो सकता है और आपके गर्भधारण के चांस को कम कर सकता है|

17. फीमेल ओर्गेज्म

यह नेचुरल तरीके से स्पर्म को एग तक पहुचने के लिए रास्ता बनाकर गर्भाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| ये नेचुरल लुब्रिकेंट का काम करता है जो स्पर्म के फ्लो को बढ़ाने में मदद करता है|

18. गर्भनिरोधक गोलियां लेना बंद करें

प्रेग्नेंट होने की प्लानिंग करने से कम से कम चार से छः महीने पहले आपको गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन बंद कर देना चाहिए क्योंकि आपके शरीर को नॉर्मल हार्मोनल बैलेंस करने के लिए कुछ वक़्त की जरुरत होती है|

19. हैवी एक्सरसाइज से बचें

रेगुलर एक्सरसाइज और योग जहाँ आपको स्वस्थ और संयत रखते हैं वहीं आपके कंसीव करने के चांसेस बढ़ाने में भी मदद करते हैं पर आपको बहुत हैवी और मेहनत वाले व्यायामों से बचना चाहिए क्योंकि ये आपकी फर्टिलिटी पे बुरा असर डाल सकते हैं| कंसीव करने के लिए आप कुछ विशेष योगासनों को ट्राई जरूर कर सकते हैं|

20. पुरुष रखें इन बातों का ध्यान

पुरुषों के अंडकोष में स्पर्म को जीवित रहने के लिए एक निश्चित तापमान, जो शरीर के औसत तापमान से एक या दो डिग्री कम होता है, को बनाये रखना आवश्यक है| इसलिए पुरुषों को लैपटॉप गोद में रखने, टाइट अंडरवियर पहनने, हैवी एक्सरसाइज करने, ज्यादा साइकिल या बाइक चलाने से बचना चाहिए|

21. पुरुष रखें वजन पर नियंत्रण

अधिक वजन या मोटे पुरुषों में स्पर्म की संख्या कम होने की सम्भावना होती है और वजन अधिक होने से फर्टिलिटी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है| पैरेंट बनने के लिए उन्हें भी अपने वजन को नियंत्रण में रखने की आवश्यकता है|

आज के तकनीकी विज्ञान के जमाने में बांझपन ऐसी समस्या नहीं रही जिसका इलाज संभव नहीं| पर जब आप स्वयं को एक माता-पिता के रूप में देखना चाहते हैं तो आप दोनों को मिलकर अपनी समस्या का समाधान ढूंढना होगा| यदि आप नैचुरली कंसीव करने में असमर्थ हैं तो सरोगेसी और आइवीएफ़ जैसे सुविधाएं हमेशा आपके साथ हैं| इस सन्दर्भ में और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें|

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