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टोडलर बेबी

हम सभी यही चाहते हैं कि हमारा शिशु स्वस्थ बना रहे और उसे किसी भी प्रकार की कोई बीमारी न हो| बच्चे को स्वस्थ रखने में स्वच्छता का बहुत महत्त्व है| साफ़-सफाई रखने से शिशु को बहुत सी बीमारियों से बचाया जा सकता है| इसलिए शिशु की सेहत में इजाफा करने के लिए उसके खान-पान के साथ स्वच्छता का भी उतना ही ध्यान रखें और इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें|

कोरोना महामारी ने हम सभी को स्वच्छता का महत्त्व सिखा दिया है| हम सभी तो खुद से अपनी हाइजीन का ख्याल्र रख सकते हैं पर छोटा सा बच्चा तो खुद की केयर नहीं कर सकता ना | इसलिये अपने शिशु के लिए हमें खुद ही सचेत होना होगा और इसमें बरती गयी लापरवाही के बुरे परिणाम हो सकते हैं|

इस आर्टिकल में आप सभी को कुछ ऐसे टिप्स बताये गए हैं जिन्हें फॉलो करके आप अपने शिशु की हाइजीन को आसानी से मेन्टेन कर सकेंगे| तो आइये पढ़ते हैं-

शिशु को छुएं हाथ धोकर:

हम दिन भर कुछ न कुछ काम करते रहते हैं जिससे हमारे हाथ गंदे होते हैं और इनमे बहुत से जर्म्स और बैक्टीरिया होते हैं| यदि हम गंदे हाथों से ही बच्चों को छुएंगे तो उन्हें संक्रमण का खतरा हो सकता है और कई बीमारियाँ भी हो सकती हैं| इसलिए आप या आपके परिवार का कोई भी सदस्य जब भी शिशु को छुएं, अपने हाथों को धोना या सैनिटाइज करना सुनिश्चित करें|

बच्चों को रोज नहलाएं:

जिस प्रकार हमारा रोज नहाना जरुरी है उसी प्रकार बच्चों का भी रोज नहाना आवश्यक है| छोटे बच्चे अक्सर हर सामन को छूते रहते हैं और खेलते समय को खुद को गन्दा कर लेते हैं| इसलिए रोज नहलाने से शरीर की गंदगी के साथ-साथ सरे जर्म्स और बैक्टीरिया निकल जाते हैं जिससे उनके बीमार पड़ने का खतरा नहीं रहता| यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है या ठंड बहुत ज्यादा है तो आप उसे वाइप कर सकते हैं| नहाने के पानी में या वाइप करने के पानी में डिटोल की कुछ बूँदें जरूर डालें|

बच्चों के कपडे और सामान रखें साफ़:

बच्चों के कपड़ों को दिन में दो बार जरुर बदल दें| इससे बच्चे साफ़-सुथरे रहेंगे| उनके यूज में आने वाले हर कपडे को साफ़ सुथरा रखें और गंदा होते ही बदल दें| उनके पहनने वाले कपडे, तौलिया, रूमाल आदि को रोज धोना चाहिए| बेहतर होगा कि कपड़ो को धोते समय डिटोल का प्रयोग करें जिससे कपडे जर्म फ्री हो जाएँ और उन्हें धूप में सुखाएं| उनके चादर-तकिये, कम्बल आदि को भी नियमित धोएं और धूप दिखाएँ|

कपड़ों के साथ-साथ बच्चों के यूज में आने वाली चीजों जैसे उनके खिलौने, बोतल आदि को भी नियमित रूप से साफ़ करना चाहिए| छोटे बच्चे अपने खिलौनों और घर के अन्य सामानों को मुंह में डालते हैं| यदि ये गंदे होंगे तो बच्चों के बीमार होने का खतरा बढ़ जायेगा|

बार-बार छूने से और खुले होने से खिलौनों में धूल और जर्म्स पैदा हो सकते हैं इसलिए उनको सैनिटाइज किया जाना बहुत आवश्यक है| छोटे बच्चे ज्यादातर फर्श पर ही खेलते हैं इसलिए फर्श का बैक्टीरिया रहित होना बहुत जरूरी है| फर्श पर फिनाइल का पोंछा लगायें जिससे बच्चे को संक्रमण होने का खतरा न रहे| छोटे बच्चे अपने हाथों को बार-बार मुंह में डालते हैं इसलिए फर्श और खिलौनों को साफ़ रखने के साथ उनके हाथों को भी बार-बार साफ़ करें|

नियमित डायपर बदलें:

यदि आपका बच्चा डायपर पहनता है तो इसे टाइम से बदलते रहना चाहिए| डॉक्टर्स का भी कहना होता है कि हर पांच से छह घंटों में डायपर बदल देना चाहिए| यह शिशु के स्वास्थ्य और स्वच्छता दोनों के लिए आवश्यक है|

नाखूनों और हाथों को रखे साफ़:

छोटे बच्चे बार-बार चीजों को छूते हैं और अपने हाथों को मुंह में डालते हैं| घुटनों पर चलने वाले बच्चे भी हपने हाथों को गंदा कर लेते हैं| आप ही सोचिये जब ये गंदे हाथ बच्चे मुंह में डालेंगे तो क्या होगा| सारी गंदगी, सारे जर्म्स उनके पेट में जाकर उनको बीमार करेंगे| इस स्थिति से बचने के लिए बच्चों के हाथों को बार-बार साफ़ करें| इसके लिए एक भीगे तौलिये से उनके हाथ और मुंह पोंछ दें|

हाथों के साथ उनके नाखूनों पर भी ध्यान दें| नाखूनों में गंदगी बैठ सकती है और जब बच्चे अपनी ऊँगली मुंह में डालेंगे तो ये गंदगी उनके पेट में चली जायेगी| इसके अलावा बढ़े हुए नाखूनों से बच्चे खुद को नुक्सान भी पहुंचा सकते हैं| इसलिए बच्चों के नाखूनों को नियमित रूप से काटें| छोटे बच्चे के नाखून काटते समय सावधानी रखें|

बच्चों में डालें सफाई की आदत

बच्चों में शुरू से ही सफाई की आदतें डालनी चाहिए| जैसे बच्चा जब गंदे हाथ मुंह में डाले तब उसे चेतावनी दें कि ये गंदा है| जब भी बच्चा कुछ गंदा करे या गंदी चीज छुए तब कुछ निश्चित एक्सप्रेशन और शब्दों से उसे चेतावनी दें| धीरे-धीरे बच्चा समझने लगेगा कि आप उससे क्या कह रहे हैं| उन्हें हाथ साफ़ रखने और हाथों को मुंह में न डालने की आदत डलवायें|

बच्चों को समय से सुसु-पॉटी की ट्रेनिंग देना चाहिए| उसे बताएं की सुसु या पॉटी टॉयलेट में ही किया जाना चाहिए और इसमें आप उसकी हेल्प करें और उसकी आदत डलवायें| टॉयलेट के बाद और खाने से पहले हाथ धोने की आदत जरुर डलवायें|

यदि बच्चे की नाक बह रही है तो उसके शर्ट पर एक रूमाल सेफ्टी पिन से टक कर दें और उसे बताएं कि नाक को कैसे साफ़ करना है| थोड़ी-थोड़ी देर पर रूमाल बदल दें| खांसते और छेंकते समय हाथ या रूमाल से मुंह ढँकने की आदत डलवायें|

अपने बच्चे को स्वस्थ एवं स्वच्छ रखना माता एवं पिता दोनों की ही जिम्मेदारी है| ऊपर बताये गए टिप्स को प्रयोग में लाकर आप अपने शिशु को स्वस्थ रख सकते हैं| इन नियमों के पालन के साथ आप स्वयं भी स्वच्छ एवं स्वस्थ रहें और बच्चे के लिए आदर्श प्रस्तुत करें| यदि आप बचपन से बच्चों में सफाई की आदतें डालते हैं तो ये जीवन भर उनके साथ रहेंगी और उन्हें एक स्वस्थ जीवन जीने में सहयोग करेंगी|

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